खाना नंबर 5
घर पांचवा है ज्ञान गुरु का, तेज़ तपस्या होता है।
हवा, रोशनी, लडके, पोते, वक्त आइंदा होता है।
औलाद जन्म ता उम्र बुढापा, महल बचत औलाद के है।
पाँचो ही इन्द्री, हाजमा उसका, गर्मी, शोहरत, नेकी है।
लिखत, गुफ़्त*, रफ़्तार हो साया, इल्म सब्र ईमान भी है।
*बात-चीत
पैवंदी* जो पौधे गिने तो, खाली जगह दर ऊँगली है।
* कलमी (ग्राफ्ट)
रौशनी पक्की घर पहले की, हवा अच्छी घर 5वें है।
दोनों पक्की इस जा* इक्कठी, दीवार मशरिकी** कुंडली है। *जगह **पूर्व
उम्र औलाद, तो सेहत अपनी, घर पांचवे से लेते है।
घर 3, 9 या 4 हो मंदे, असर बुरा 5 गिनते है।
रवि, गुरु, दोनों से कोई, घर 10वें जा बैठा हो।
5वें घर ख्वाह* दोस्त हो इसका, जहरी दुश्मन होता हो। *चाहे
गुरु, रवि और राहु केतु, कहीं भी इसके बैठे हों।
फल वैसे ही घर पांचवें के, उस टेवे में होते हो।
गुरु टेवे में जब तक उम्दा, औलाद दुखी न होती हो।
पाँच पापी गुरु मंदा टेवे, बिजली चमक आ देती हो।
शनि शुक्र या 2 कोई मंदा, बिजली कड़कती मंदी हो।
चन्द्र भला हो चमक हो उमंदा, असर हालत वो जल्दी हो।
वजह चमक घर तीसरे होगी, कड़क, निशानी 11 हो।
तीन खाली घर आठ से पड़ती, उल्ट हालत पडे 8 पे वो।
घर 3,4 या हो 9 मंदा, बुरा असर 5 देता है।
6, 10वे ख्वाह दोस्त हो इसका, शत्रु जहरीला होता हो।
अपनी लिखा अहवाल* आइन्दा, गुरु रवि से चलता हो।
* हवाला, status, conditions
केतु भला तो सब कुछ उम्दा, राहू मंदा सब उल्टा हो।
खाना नंबर 6, 10 के जहर से बचाव के लिए नंबर 5 के दुश्मन ग्रह की चीज़ पाताल (खाना नंबर 6) में या जद्दी या बुजुर्गी मकान (खाना नंबर 10) में कायम करे, जब तक खाना नंबर 8 मंदा न हो। लेकिन जब खाना नंबर 8 मंदा हो तब, खाना नंबर 5 के दुश्मन ग्रह की चीज केवल पाताल में दबाने से मदद होगी; क्योंकि खाना नंबर 10, दो गुणी रफ़्तार से चला करता है। और जब खाना नंबर 8 मंदा हो तो खाना नंबर 10 दो गुना मंदा हो जायगा। विस्तार के लिये खाना नंबर 10 देखे।

शुक्र खाना नंबर 11 में,
केतु नंबर 8 में,
शनि-राहू नंबर 5 में, तो क्या होगा_______?
परेशानी : पहले शुक्र (औरत) को केतु का रोग (जुलाब), फिर केतु (लडके) पर मंदा असर देगा।
परेशानी का उपाय : लडके के वजन के बराबर 25 (शुक्र), 48 ( केतु) दिन तक आटे की रोटियाँ कुत्तो को तस्लीम करे।
जब शनि या शुक्र या दोनों जब कभी मंदी हो तो दोनों की हालात के मुताबिक फ़ौरन मंदा असर होगा। लेकिन अगर चन्द्र उस वक्त भला हो तो वो मंदी हालत फ़ौरन ही बदल कर उत्तम असर होगा।
जन्म कुंडली के खाना नंबर 5 में जब सूर्य - शुक्र हो, तो जब शुक्र या पापी या सूर्य या बृहस्पति वर्षफल में खाना नंबर 1 में आए, तो अपनी सेहत के ताल्लुक में मंदा असर होगा।
लेकिन अगर नंबर 5 में शुक्र-बुध या कोई पापी हो तो सूर्य या बृहस्पति के खाना नंबर एक में आने पर सेहत पर मंदा असर होगा।
बृहस्पति की वजह से पैदाशुदा (जब बृहस्पति खाना नंबर 5 में हो) बीमारी कई औलाद के पैदा होने के बाद ख़त्म होगी।
Seema JK
seemajagdishkumar@gmail.com
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