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Wednesday, 13 February 2013

Lal Kitab House number 1 Khana number 1

Lal Kitab House Number 1 

लाल किताब खाना नंबर 1 


घर पहला है तख़्त हजारी, ग्रह फल राजा कुंडली का।
ज्योतिष में इसे लग्न भी कहते, झगडा मानुष है माया का। 
पूरब तरफ - पक्का घर सूरज, पर उपकार चवन्नी का।
वजूद, मकान, रूह, नमक भी, गिनते जमाना हाल कमाई का।
 चारदीवारी तै के गोशे, सींग मवेशी खडे हों जो की।
राज ताल्लुक, रंग हो गुड के , रस्म पुरानी साज सफ़र के।
झिल्ली जेर जो पैदा होगे, नाम हैसीयत दुनिया लेंगे। 
पहला घर सारा तख़्त गिना तो,  7वां टिकने की धरती है। 
7 वां ही घर खाली होवे, उल्टा तख़्त वो 24 हो। 
साल 24 से जितने आगे, दुश्मन ग्रह उस आता हो। 
टक्कर ऐसी उस ग्रह होगी, आगे न वो चलता हो। 
लग्न अगर खुद खाली होवे, किस्त्मत साथ न आयी हो। 
किस्मत उसकी सातवे बैठी, या घर 4थे दसवे हो। 
मुट्ठी के घर चारो खाली,  5-11-3-9 वें हो।
यह घर भी गर खाली होवें, 8-12-2-6 वें हो। 
घर 12 ही घूम के देखे, उच्च कायम या घर का जो।
किस्मत का वो मालिक होगा, बैठा तख़्त पर इसके हो। 
घर पहला जब राज हुकुमत, सात वजीरी होती है। 
हर दो से कोई दुश्मन होवे, साथ फकीरी होती है। 
उच्च नीच घर के जो गिने है, वो नहीं इन घरो लडते है। 
बाकी ग्रह सब झगडा करते, उम्र से भी वो मरते है। 
तख़्त पे बैठा नर ग्रह राजा,  दुसरो से वो स्त्री है।
7वें इसकी औरत बेटी, बुध शुक्कर दो बैठती है। 
ज्यादा एक से घर पहले में, नर ग्रह स्त्री होती है। 
दो से ज्यादा घर 7वें, स्त्री ग्रह नर होती है। 
गिनती मगर हो राजा अलैहदा, राय कमेटी होती है। 
जाहिरा बेशक तीन हो बैठे, गिनती चार की होती है। 
अकेला पहले बहुत हो सातवे, ग्रहफल राशी होती है। 
उल्ट अगर हो टेवे बैठे, जड़ 7वें की कटती है। 
गुरु, शनि और मंगल टेवे, कहीं भी इसके बैठे हो, 
फल वैसे ही घर पहले के, उस टेवे में होते हो। 


घर पहला है तख़्त हजारी, ग्रह फल राजा कुंडली का। 
ज्योतिष में इसे लग्न भी कहते, झगडा जहाँ रूह माया का। 
उच्च बैठे घर उत्तम कितने, दस्ती लिखा ख्वाह विधाता हो।
खाली पड़ा घर 7 जब टेवे, शक्की असर कुल ग्रह का हो। 
लग्न बैठा ग्रह तख़्त निशानी, राज शाही जब करता हो। 
आँख गिना घर आठ है इसकी, 11 से हरदम चलता हो। 
अकेला तख़्त पर बहुत हो सातवे, राजा वजीरी होती हो।
उलट मगर जब टेवे बैठे, जड़ सातवे की कटती हो। 
उच्च नीच जा गिने घरो के, वो नहीं 1,7 लडते है। 
बाकी ग्रह सब झगडा करते, उम्र से चन्द्र मरते हैं। 

खाना नंबर 1 में सूरज-शनि-मंगल। खाना नं 7 में शनि-सूरज-शुक्र 

मसलन, गुरु-चन्द्र-बुध-राहु खाना नं 1 तो केतु खाना नं 7 में होगा। तो अब गोया बुध की अपनी आयु तक (34) केतु नदारद (बेटा). नर औलाद पैदा हो कर मरती रहे। और 48 साल की आयु तक एक ही औलाद कायम। अगर 48 साल की उम्र से दूसरा लड़का कायम हो जावे तो बुध (बेटी) बर्बाद। 

टेवे वाला अगर चार और जानों (कुत्ता, घोडा, गाय, तोता कोई चार ) देवे तो नर औलाद कायम होगी। और औलाद पैदा होने के दिन से चन्द्र-राहु-गुरु-बुध मुश्तरका राज योग वर्ना ख़ाक की बोरी, लानत नसीब होगी और जिस वक्त टेवे में असली मंगल के अलावा मंगल नेक (सूरज-बुध) या मंगल बद (सूरज-शनि) दोनों ही मौजूद हो तो नं 1 देखेगा नं 11 को।

जब नं 11 खाली हो तो नं 1 का ग्रह अपना असर करने के ताल्लुक में मेढऐ या बुध की चाल पर जैसा की वह उस वक्त टेवे में हो, चलेगा।  

इसी तरह जब खाना नं 8 खाली हो, नंबर 1 वालो की आँखों को रोकने के लिए कोई रुकावट न होगी। और वो खुद ही अपनी आँखों से देखभाल करता होगा। 

जब खाना 1 में ज्यादा ग्रह हो, तो खाना नंबर 1 का आधार शुक्र होगा जैसे की शुक्र खाना नंबर 1 में बैठा हो।      
       
 तख़्त पर बैठे हुए ग्रह चाली हुक्मरान राजा के अहद में उस के लिये खाना नंबर 1 लेंस, नंबर 8 फ़ोकसिंग गलास, और 11 रेगुलेटर होगा। 

हर एक ग्रह की अपनी हुकूमत यानि खाना नं 1 में आने के वक्त दुसरे ग्रहो की उसके मुकाबला में ताकत का पैमाना खाना नंबर 1 को कुंडली का तख़्त कहते है इसलिए नं 1 में बैठा हुआ ग्रह तख़्त का मालिक या राजा कहलाता है। 

बृहस्पति के वक्त यही ग्रह किसी से दुश्मनी नहीं करता। ग्रहो की ताकत

 चन्द्र 1/2 शुक्र 3-3/4, शनि 3 केतु 0.8 होगा। गुरु खुद सूर्य-राहू के वक्त चुप होगा  मगर बुरे ग्रहो के साथ अपना आधा समय याने 8 साल नेक होगा। दुश्मन का असर 8 साल बाद हो सकेगा।

सूरज के वक्त यही ग्रह कभी नीच न होगा। शुक्र साथ हो तो शुक्र नीच होगा मगर दोनों के मिलाप से बुध पैदा होगा याने फूल तो होगा, फल नहीं होगा केतु 1/2, बुध 1/2. शनीच्चर खुद अपने लिए बराए दौलत  2/3, वालिद = 1/2, जायदाद = 1/3

चन्द्र के वक्त कोई दुश्मनी नहीं करता यह खुद अपना नेक असर दुसरे के साथ होने पर घटा लेता है। राहु 1/2 होगा। 

शुक्र के वक्त यह किसी को नीच नहीं करता दुसरे ख्वाह इसे नीच करते है। चन्द्र 1/2, शनि 1/3

शनि के वक्त चन्द्र 1/3 केतु 1/2 होगा। 

मंगल नेक के वक्त शुक्र शनि मंगल बद तीनो 1/3, केतु-बुध 1/2     

 राहु के वक्त सूरज 0, चन्द्र 1/2

  केतु के वक्त चन्द्र 0, सूरज 1/2 होगा।     
    
 
 
Lal Kitab House Number 1 

लाल किताब खाना नंबर 1 

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