Venus in First House Lal Kitab
काग* तथा मच्छ** रेखा की रंग बिरंगी माया
*जब शनि मंदा हो। या खाना नं 7-10 खाली न हो और उनमे सिर्फ पापी या बुध न हो तो काग रेखा होगी।
** जब शनि उत्तम या खाना नं 7-10 खाली, या उनमे सिर्फ पापी और बुध हो तो मच्छ रेखा होगी।
शुक्र पहले काना गिनते, शनि नजर का मालिक है।
फल दोनों का यकसाँ मंदा, प्रबल होता शनि का है।
दौलत मिटटी हो गई, औरत, मद्ध, अभिमान।
जैसी कीली चक दी, वैसा जिस्म ईमान। (खाना नं 7)
शत्रु ग्रह जब 7 वे आवें, खांसी खूनी तपेदिक लावे।
गिना अच्छा तो साधू होवे, परबत - जंगल रहता होवे।
गऊ मूत्र, जौ, सरसों दान, सत-अनाजा चरी(ज्वार) कल्याण।
जब तक न वो शादी करे, तुरत पीड जिस्मानी हरे।
गर शादी के बाद हो दुखिया, कन्यादान / गऊ-दान से होवे सुखिया।
मर्द औरत
शुक्कर का फल बेशक मंदा, पर मंदा न सूरज है।
कुटुम्भ कबीला सब सुख लेवे, खुद फटा खरबूजा है।
रथ सवारी, आराम चोपाया, इश्क जुबानी होता है।
धर्म से कद्रे हीन हो बेशक, पतंग शुक्कर का होता है।
हमअसरो की नम्बरदारी, या मुखिया वो होता है।
घर का जब हो खुद ही मोहरी, खुश्क तालाब डुबोता है।
औरत की जब सेहत हो मंदी, दान चरी (ज्वार) का होता है।
माता पर कोई असर न होवे, औरत जब वां अलहैदा है।
औरत रिजक से पहले आवे, शुक्कर बैठा जब पहले घर।
शादी अगर उस 25 होवे, औरत रहे न दौलत घर।
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यदि धर्म दुनिया न स्त्री में बिकता, कोई लेख विधाता मंदा न लिखता।
आशिक दोनों का शुक्र देखो, शनि नजर का मालिक हो।
असर दोनों का यकसाँ लेते, शनि नंबर 1 प्रबल हो।
स्त्री रिजक से पहले आवे, शनि उत्तम जब अपने घर।
शादी मगर जब 25 होवे, दौलत रहे न स्त्री घर।
शुक्र मंदे से मरती माता, बुरा सूर्य न होता हो।
7,6 घर मंगल 12, पूरी सदी पूत पोता हो।
बुध मंदा संतान हो मंदी, गृहस्थ मंदा रवि करता हो।
शनि बुरे मंदे होवे साथी, तीनो मंदे सब मरता हो।
धर्म हालत 8 हो गुरु जैसा, उच्च शनि मच्छ रेखा हो।
तीन के छठे बुध हो जब बैठा, श्रेष्ट रेखा सर होता हो।
7 पहले घर शत्रु साथी, रवि आया या पापी हो।
शमार* इश्क दो स्त्री** पकड़ी, दमा तपेदिक तब खांसी हो। *गिनती **दो स्त्रियों से एक समय बच्चा बनाने पर।
ऐश स्वभाव इश्क चाहे लूटे, लेख लिखत न मंदी हो।
घर 7 वां 10 खाली होवे, मच्छ रेखा बन जाती हो।
शुक्र के बुर्ज पर अंगूठे की जड़ में सूर्य का सितारा हो। शुक्र से शाखा सूर्य के बुर्ज पर हो। शुक्र का पतंग पूरा हो।
धर्महीन हो जावे तो बेशक इश्क में मजहब का फर्क समझे न समझे मगर उसका राजदरबार कभी मंदा न होगा। शुक्र अब प्रभाव के लिये एक ओर चाल का स्वामी होगा यनि जिस पर कृपा दृष्टि उस के लिये प्राण तक न्योछावर कर दे। जिसके विरुद्ध उसकी मिटटी तक उड़ा कर रख दे। शुभ हो तो मच्छ रेखा यानी सब सुख औलाद आदि यदि अशुभ हो तो काग रेखा यानी शुक्र सिर्फ एक ही आँख से देखता होगा या काना होगा। हर घर में शनि की हालत उसकी (शुक्र) नजर होगी। फिर भी सवारी का सुख और चोपाया का आराम साथ होगा।
धर्म की नेक और बद हालत का फैसला खाना नं 8 के ग्रहो और बृहस्पति पर होगा।
दिमागी खाना नं 1 इश्कबाजी और शनि से मुश्तरका इश्क जवानी 16 से 36 की आयु में उठती जवानी के समय स्त्री जाति का परस्त्री (अपनी धर्म पत्नी नहीं) की सुन्दरता की रंग बिरंगी दिल को अच्छी लगने वाली कहानी के पुल बांध दिये और खुद्पसंदी जाति घमंड और कामदेव की आग में जलते हुए सैंकड़ो मील मगर सोवे हुए निकल गये। जिस की वजह से दिल और दिमाग पर काबू ही न रहा और आखिर पर स्त्री की खातिर ईमान भी बिकने लगा।
कयाफा: शुक्र का पतंग सूर्य के बुर्ज पर केवल अनामिका की जड़ में।
स्त्री का प्रभाव (आराम और संतान) को थोडा हल्का सा ख़राब करे मगर प्यार को धर्म से नफरत नहीं। इस रेखा के प्रभाव से मनुष्य धर्महीन, स्त्रिऒ के पीछे घुमने वाला होना, शुक्र बाहर से आशिकाना और अन्दर से सूफियाना फल देगा। स्वाभाव फिर भी फटे खरबूजे की तरह (फूटा) ही होगा। स्त्री का स्वास्थ्य मंदा होगा। स्वयं ठीक होगा, अपने भाग्य के सम्बन्ध में भाग्यवान होगा। अपनी तथा बच्चो की हालत शारीरिक शुभ होगी। अपने कार्यो के लिये दुसरो से सलाह लेना ठीक होगा।
जब शनि उत्तम हो तो स्त्री अपनी कमाई शुरू होने से पहले आयगी और घर की मालिक और हर तरह से राज करेगी।
मंगल जब 6-7-12 हो तो 100 वर्ष की आयु होगी। पुत्र पोत्र देखेगा।
भगवान् विष्णु की तरह से पालने वाला। घर में नौकरानी जरूर रखे वर्ना माया के पहाड़ो पर चरने की जगह कम होगी अर्थार्थ माया की थैली चाहे सुबह रोज भरती हो, शाम होते होते खाली होगी। यह तब होगा जब शनि उच्च का हो या खाना नं 7-10 खाली हो, इन घरो में राहु-केतु-बुध-शनि हो तो खाली बराबर ही समझे। मगर मंगल खाना नं 6 से 12 में होना चाहिए वर्ना काग रेखा।
जब बुध 3-6 में हो तो मुकदमो का फैसला हक में होगा। श्रेष्ट सर रेखा और चन्द्र का फल भी अमूमन अच्छा होगा।
शुक्र खाना नं 1 ( मंदी हालत)
काग रेखा। मालिक चाहे हो तख़्त हजारी मिटटी कर दिखलाती है। जवानी इश्कबाजी घर की नम्बरदारी न सिर्फ अपनी बल्कि सम्बंधियो की तबाही का बहाना होगा।
शुक्र मंदा हो तो माता छोटी उम्र में ही चल बसे या मरने से भी दुखिया। माता स्त्री से दूर रहे तो अच्छा। पर जब दोनों इकठ्ठा तो दोनों में से एक अंधी होगी पर सूर्य का फल बुरा न होगा।
जब खाना नंबर 8-10 खाली न हो तो काग रेखा। उम्र 25 में शादी के समय न धन रहे न स्त्री।
जब राहु नं 7 में हो तो - स्त्री की पागलपन की हालत तक बीमार, गृहस्थी जलती मिटटी, जमींदार की पकी हुई खेती में आग की तरह। स्त्री के टेवे में पुरुष की और से तलाक गिनती है। शादी समय हालत चांदी स्त्री को ससुराल से मिले तो खाना आबादी गिनते है।
जब बुध मंदा हो, शुक्र का पतंग सिर्फ कनिष्ठा की जड़ पर हो, संतान मंदी होगी।
जब सूर्य मंदा हो, शुक्र की पतंग अनामिका की जड़ तक तो गृहस्थ मंदा हो।
जब शनि मंदा हो, शुक्र की पतंग मध्यमा की जड़ तक हो तो साथी रिश्तेदार मंदे सम्बन्ध देंगे। शुक्र खाना नं 10 का फल देगा। उसकी स्त्री ऐशोहसरत में सदाबहार फूल। स्त्री को आम तौर पर मासिक धर्म के बाद स्वस्थ गिनते हैं, मगर ऐसे ग्रह वाली स्त्री मासिक धर्म के बिना संतान की शक्ति से भरपूर और ऐसे फूल की तरह प्रिय होगी जो की ऋतू के बिना हर समय बहार। उसमे सुन्दरता प्यार की लगन और मोह माया पूरे किनारे तक भरा हो। स्वयं ऐशी पट्ठा होगा।
जब बुध सूर्य शनि तीनो ही मंदे हो अर्थार्थ शुक्र का पतंग बुध के बुर्ज से चल कर सूर्य से होता हुआ शनि के बुर्ज पर पूरा हो। तब क्या होगा? मौते ही मौते होगी। टेवे वाला पूरा शुक्र का पतंग होगा। न सिर्फ खुद बर्बाद बल्कि दुसरे सथियॊ को बर्बाद करने के भाग्य का मालिक होगा।
जब 1-7 में शत्रु ग्रह हो। याने चन्द्र, राहु, सूर्य हो, और बुध मंदा हो (सिवाय खाना नं 3). सूर्य नं 7 या शुक्र का साथी हो। तब___इश्क का परवाना या दमा, तपेदिक, बुखार के समय स्त्री भोग या दूसरी स्त्री सम्बन्ध से बिगड़ा बुखार हो, गऊ मूत्र तथा जों की खुराक सहायक। सरसों बहुत मिलते है कम से कम सात अनाज का दान, या चरी (ज्वार का दान शुभ) पुरुष कन्या दान और स्त्री गऊ दान करे।
कयाफा अंगूठे की जड़ शुक्र के बुर्ज नं 7 में सूर्य का सितारा हो या सूर्य के बुर्ज से शुक्र के बुर्ज नं 7 में रेखा या शुक्र नं 7 से सूर्य के बुर्ज नं 1 में पूरी रेखा। तब क्या होगा______पराई ममता गले लगी रहे या सात साल बीमार, या आधा मुर्दा अवश्य होगा। स्वस्थ्य कोडी कोडी कर के हार देगा। मर्ज बढ़ता गया ज्यों ज्यों दवा की। साथी ग्रह के सम्बंधित रिश्तेदार के साथ से स्वयं शुक्र और सम्बंधित साथी दोनों तंग होगे।
उपाय: दिल पर काबू, इश्क पर काबू किस्तम की मंदी चाल बदल देगा। दुसरो की सलाह सहायक होगी।
Venus in First House Lal Kitab
शुक्र खाना नं 1 लाल किताब
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