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Sunday, 10 February 2013

Saturn in 3rd House Lal Kitab

Saturn in Third House - Lal Kitab

शनि खाना नंबर 3 - लाल किताब 

शनि कुंडली घर तीजे पाया,                    पर बैठे नहीं चैन कर।
ज़हर छोडी, फूँक छोडी,                           छोड़ता है माल-ओ-ज़र।
जो न वाकिफ इसके होंगे,                       उन से वो बचता रहे।
खून उसका भाई बंदे,                              सब खराबी दे उसे।
गो न दौलत उसने रखी,                          बढ़ती जाये जायदाद।
जितना जितना वो उजाडे,                      होगा वो हरदम आबाद।
शनि हो तीजे चंदर 10वें,                        गर हो बैठे वहाँ कभी।
उर्ध रेखा डाकू होवे,                                कुऐं हो मंदे सभी।
ज़हर जो साँपो मे थी,                            अपने  लिए ही जहर हो।

भय जो लोग के लिये था,                      अपना ही वह कहर हो।

नज़र के मरीजो का नायाब डॉक्टर होगा। दक्षिण दरवाजा का मकान या उसके आगे पत्थर का होना शनिचर के खुनी साँप का असर देने का सबूत होगा वर्ना नकद माया के इलावा बाकी हर तरह से शनि का उत्तम फल होगा। घर में (केतु) कुत्ता नकद दौलत के लिये मुबारिक होगा। लेकिन घर में चंदर (पानी) मिले खुद अपनी मौत होवे। चोर डाकू भी बने तो भी दौलत के लिये मुफलिस, बेहुनर होवे। मंद हाल होवे। 

ऐसे शख्स को बगैर तख्तो के सिर्फ खाली चोकाठ घर में रखना खासकर छत पर रखना स्त्री के लिये मंद भाग होगा। 


मिले राजा दो शेर,          बकरी कहेगें। 
मगर मर्द माया,              जुदा ही रहेगे।



मदद केतु से खुद शनि बढता,                   वर्ना केतु खुद काटता हो।
वैध धनवंतरी नजर का होता,                   काम शनि सब उम्दा हो। 
दरवाजा* दक्षिण या पूरब मंदा,                 या लकड़ी शगुन न उम्दा हो। 
साथ** मकान जब पत्थर गड़ता,             मौते जहर शनि देता हो। 
केतु बैठा 10 कायम साथी,                        माया दौलत सब बढता हो। 
बिगड़ा मंगल बद हो जब जहरी,               गैर मदद उसे करता हो। 
5 रवि से केतु मंदा,                                   उम्दा शनि न होता हो। 
नजर दवाई मुफ्त जो देता,                        आँख कायम खुद रहता हो। 
चन्द्र टेवे घर 10 वें बैठा,                            साँप शनि जड़ कटती हो। 
मौत कुआँ खुद अपना होगा,                      उर्ध रेखा माया मंदी हो। 
 
 *बाल-बच्चों सहित के मकान का दरवाजा 
**मकान के बडे दरवाजे (दाखिले) के बाहर

शनि से रेखा उम्र रेखा को काट कर मंगल नेक में या गृहस्थ रेखा शनि के बुर्ज पर।

तीन आंख का मालिक फ़रिश्ता - अजल (मौत का फ़रिश्ता) पुरुष और धन इकट्ठे कम ही होंगे, मगर उम्र की रक्षा जरूर होती रहेगी, जब तक जुबान का चस्का न हो। 

मकान बनाने वाले राज मिस्त्री को धन की थैली की क्या जरूरत, उसे तो हर वक्त ईटं - पत्थर मौजूद चाहिए। इसी तरह से शनि का हर वक्त मकानों का प्रभाव उत्तम होगा खासकर जब कुत्ता रखे। दुनियाँ के तीन कुत्तो की सेवा करे। मकान बनेगें धन बढ़ेगें, आँखों का बड़ा उत्तम हकीम होगा। शनि से सम्बंधित काम या रिश्तेदार उत्तम फल देगें। जब केतु की मदद या केतु शनि के साथ या खाना 10 में। 

अगर केतु मदद पर न हो तो कुत्ता काटता ही होगा। शनि बर्बाद करेगा। जिस्म से चार-चार बाल पैदा हो तो गरीब, मंद बुद्धी, अय्याश होगा। अपने भाई-बंधू खराबी का कारण होगें। माली हालत (नकदी) में मंदा ही होगा। धन के लिये दो गुणा मंदा। केतु का उपाय सहायक। 

नजर की दवाई मुफ्त देने से अपनी नजर की बरकत होगी। 

जब मंगल बद या मंगल जहरी हो, तब गैर लोग भी मदद पर होगें। लोगों के काम बिगड़ता मगर खुद आराम पाता होगा।       

पूर्व / दक्षिण दरवाजे का साथ हानिकारक होगा। दक्षिण दरवाजे के साथ गर पत्थर गडा हो या गडा होने लगे तो 40 दिन के अन्दर अन्दर एक के बाद एक तीन मौतें होगीं। 

मकान के आखिर पर अंधेरी कोठरी धन के लिये शुभ।

सूर्य गर खाना नंबर 1-3-5 में हो तो केतु नर संतान और शनि का खुद का प्रभाव मंदा होगा। 

चन्द्र गर 10 वें हो तो शनि मंदा जड़ से काटता होगा। धन बर्बाद। चाहे चोर - डाकू फिर भी मंदे हाल। अपने घर का कुआँ मृत्यु देगा।  

चोरी - धन हानि - दूसरी आम खराबी जब शत्रु साथ हो। 









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