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Friday, 15 March 2013

Sun Surya in Lal Kitab

सूर्य लाल किताब 

गर्म शौक तेरा है नीवं उन्नति, मगर बढ़ न जाए कि हर चीज जलती 

पाप(A)  मंगल बुध* फैसला करता, ग्रहण होता खुद पाप से हो।  *सू रौशनी गर्मी, बृ तेज, मं किरणे, बुध आकार, चन्द्र चमक   
उत्तम रवि हो जिस दम बैठा, भला चन्द्र बुध शुक्र हो।
तख़्त केतु ६ मँगल बैठा,  उच्च रवि खुद होता हो।
आग जली चाहे ६-७ होता, दान मोती का देता हो।
मदद मित्र पर बाप से बढता, नमक छोडे खुद फलता हो।
शत्रु साथी से केतु(B)  मरता, दान दिए सब बचता हो। 
पाँच, पहले घर ग्यारह बैठा, शत्रु मदद पर होता हो।
ग्रहण टेवे हो जिस दम आया, पाप समय तक मंदा हो।
रवि देखे जब चन्द्र   भाई तख़्त बैठा न जब कि हो।
आधी आयु जब चन्द्र की होगी, लेख भला सब होता हो। 
बुध नजर जब रवि पे करता, दर्जा दृष्टि कोई हो। 
असर भला तब दो का होगा, सेहत माया या दिमागी हो। 
रवि दृष्टि शनि पे करता, बुरा शुक्र का होता हो।
शनि रवि से पहले बैठा(C), नर ग्रह स्त्री उत्तम हो। 
शनि शुक्र जब सूर्य देखे, मौत भरे दुःख होती हो 
मकान बनावे रिश्तेदारो के माया ख़त्म हो जाती हो। 
   
(B) सूर्य स्वयं अकेला नीच या मंदे घरो का तो - बर्बाद करने वाला गुस्सा संतान का भाग्य व आयु, या बाप की मदद मंदी होगी। 

(C)  सूर्य मंदी हालत के समय सूर्य का उपाय काम देगा  
  
(A) नेक हालत का फैसला पाप की हालत पर होगा। 

आकाश में रौशनी, पृथ्वी की गर्मी, राजा भिक्षु से, सच्चाई और पालना और उन्नति की शक्ति को सूर्य का नाम दिया है। जिसका होना दिन और न होना रात माना है। मनुष्य के शरीर में रूह, अपने शरीर से दुसरो की सहायता की हिम्मत का नाम सूर्य है। सर्दी चन्द्र, रौशनी गर्मी सूर्य का अपनापन, लाली मंगल, और खाली जगह का घेर बुध का आकाश व आकार इसके जरूरी भाग है। और समय की हवा याने गुरु के ज्ञान, संसारी बुद्धि और भाग्य की नीवँ इसकी देन है जिसे हर साँस लेने वाले तक पहुँचाना गुरु का काम है। चलते रहना, अपना अंत न बताना और इधर उधर है बिना एक ही जगह रात दिन करते रहना इसी सूर्य देव का ही अजूबा है। 

 १२ घरो में सूर्य की हालत 

सतजुगी* राजा घर पहले का,  दाता सुखी  जब २ का हो। 
धन भंडारी स्वयं तीसरे , जोड़ मरे घर ४ का हो।
औलाद बैठेगी हर दम पांच के, फिकर धन नं ६ का हो।
परिवार कमी चाहे होगी सातवे, राजा तपस्वी ८ को हो। 
आयु लक्ष्मी ९ बढता परिवार, दसवे स्वस्थ्य धन उत्तम हो। 
धर्म पूरा घर ११ उसका, रात सुखी घर १२ हो। 
           
*बाप को पूरी मदद पर पुत्र से कोई उम्मीद  न करो के स्वाभाव का स्वामी। 
चाहे बाप से कुछ न मिले पर पुत्र को देकर मरेगा। 
    
 ____जारी 

       

                           सूर्य लाल किताब 

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