राहु + केतु मुश्तरका
लाल किताब
केतु कुत्ता हो पापी घडी का, चाबी राहु जा बनता हो।
चन्द्र सूरज से भेद खुलता, जेर शनि दो होता हो।
राहु - रवि ९,1२ मिलते, ग्रहण सूरज का होता हो।
ग्रहण चन्द्र का उस दम गिनते, केतु छठे ९ मिलता हो।
पहले घरो जो टेवे बैठा, चाल दो तरफी करता हो।
लेख असर सब बाद को देगा, उच्च नीच ख्वाह कैसा हो.
राहु केतु जो पाप गिने है , सब ही ग्रह को घूमाते हो।
गुरु अकेला दो को चलावे , घूमते पर वो बुध में है।
ऊपर नीचे जगत के अन्दर, झगडा इन दोनों ही का है।
पाप अगर दुनिया छोडे, ग्रह सात बाख जाता है।
राशि 1२ में ग्रह सात से नरक चौरासी कटता है।
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लाल किताब
केतु कुत्ता हो पापी घडी का, चाबी राहु जा बनता हो।
चन्द्र सूरज से भेद खुलता, जेर शनि दो होता हो।
राहु - रवि ९,1२ मिलते, ग्रहण सूरज का होता हो।
ग्रहण चन्द्र का उस दम गिनते, केतु छठे ९ मिलता हो।
पहले घरो जो टेवे बैठा, चाल दो तरफी करता हो।
लेख असर सब बाद को देगा, उच्च नीच ख्वाह कैसा हो.
राहु केतु जो पाप गिने है , सब ही ग्रह को घूमाते हो।
गुरु अकेला दो को चलावे , घूमते पर वो बुध में है।
ऊपर नीचे जगत के अन्दर, झगडा इन दोनों ही का है।
पाप अगर दुनिया छोडे, ग्रह सात बाख जाता है।
राशि 1२ में ग्रह सात से नरक चौरासी कटता है।
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