शनि + राहू मुश्तरका
लाल किताब
पापी शनि जब उम्र फ़रिश्ता , राहु हाथी उस बनता हो।
नाग उम्र तक अपनी उम्दा, इच्छादारी फिर होता हो।
तरफ पहली जो दृष्टि खाली, पदम् पोशीदा राजा हो।
निशान लहसुन हो हालत उल्टी, साथ फकीरी देता हो।
सेहत दौलत का मालिक राजा, पदमचारो पहले होता हो। (पदम्)
घर पांच ता जब आठवें बैठा, राजशाहो का बनता हो।
योगी गिना घर बैठे बाकी, गृहस्थी मगर जब बनता हो।
लेख हालत हो रंग बिरंगी, साधू राजा दो मिलता हो।
लहसुन गिना जो ग्रहण निशानी, असर मंदा ही देता हो।
अल्पायु शान बुजर्गी, नष्ट जमाने करता हो।
नाभि* ऊपर तो आदमी, दौलत** नीचे से जलता हो। *खाना 1-4 ** 5-8
लेख फकीरी अक्सर पावे, सेहत मंदी ही रखता हो।
भारी कबीला पहले गिनती, शाही दौलत जार पाता हो।
इच्छाधारी 2,12 लेते, नाग जमाना तारता (चाहे मारता) हो।
मौत फंदा घर आठवे होते -
शनि राहु घर 12 बैठे, सूरज औलाद का मंदा हो।
गरीब घराना औरत गिनते, मर्द सुखी न होता हो।
शनि साँप तो राहु साँप के सिर की मणि। शनि (सांप) की जहर चूसने वाला मनका होगा। शनि लोहा तो राहु चमक पत्थर या शनि मौत का यम तो राहु उसकी सवारी का हाथी होगा। दोनों मुश्तरका इच्छादारी साँप जो खजाने का मालिक गिना है मगर वेह जहरीला न होगा। और हर एक की मदद करे।और खुद वह साँप अपनी मर्जी पर जब चाहे मरे मगर किसी के मारने से न मरेगा। हाथ पर साँप का निशाँ या जिस्म पर पदम् का निशाँ होगा।
लहसुन का निशान : स्याह काल निशान जो अंगूठे के निशाँ से भी बड़ा हो।
मामूली सा स्याह निशान मगर बाल या तिल से कुछ जयादा बड़ा हो तो राहु मामूली हैसियत का होगा। दरम्याना निशाँ जो की अंगूठे के नीचे दब सके, वेह पदम् होगा। और उससे भी बड़ा हो तो लहसुन या ग्रहण का निशान होगा (मंदा).
जिस्म पर पदम् हो दाई तरफ मगर रहे हर दम पोशीदा तो मुबारिक असर देगा। यानी राहु + शनि मुश्तरका को कोई भी ग्रह ख्वाह दोस्त ख्वाह दुश्मन न देखता हो और न ही उनके साथ हो और वेह दोनों खाना नं 1-6 में हो तो दाईं तरफ गिने जायगे। पदम् कुंडली में, खाना नं 1-4 तक हो तो मानिंद राजा बड़ा ही साहिब कमाल होगा। 5-8 तक तो महाराजा, 9-12 तक हो तो योगी होगा। बाईं तरफ (7-12), पदम् कोई मुबारिक फल न देगा।
खाना नं 2, बाएँ हाथ पर शेषनाग का निशाँ। शनि अब इच्छादारी साँप की तरह मदद करने वाला होगा।
शनि + राहू खाना नं 3, चन्द्र नं 11:
जब तक माता जिन्दा हो तो माता की उम्र, सेहत और दिल की शान्ति के लिये दरिया में चावल बहाना मददगार और धन दौलत शाहाना होगा।
शनि + राहु खाना नं 9 : निहायत मुबारक, भारी कबीला, धन दौलत शाहाना होगा।
खाना नं 12: दाएँ हाथ पर शेषनाग का निशान उत्तम और सहायक। अपना भेद छुपाय और राजदारी फरेब , हर काम चालाकी से करने वाला होगा।
मंदी हालत:
लहसुन का निशान तो ग्रहण। अल्पायु। यदि किसी तरह आयु लम्बी हो भी जाये तो बड़ो के धन और शान को सूर्य ग्रहण की तरह बर्बाद करता होगा। यह सब 39 उम्र तक होगा। लहसुन नाभि से ऊपर सर तक तो आदमियों को बर्बाद कराय और नीचे तो धन दौलत बर्बाद करे। हर दो हाल में टेवे वाले के लिए मंदी सेहत और गरीबी का साथ होगा।
मंदी शनि और मंदी राहु के उपाय करे।
शनि के वक्त (रात). या राहु का वक्त (पक्की शाम), शनिवार या शनि का दिन, वीरवार की पक्की शाम (राहु). इन समय में बादाम (शनि), नारियल (राहु) का आग में जलाना भूनना तलना दोनों का फल मंदा कर देगा। खासकर कड़ाही में।
खाना नं 7: ऐसे प्राणी का गृहस्थ हर तरह से बर्बाद ख्वाह शनि 7 की मेहरबानी से वो खुद कितना होशियार हो। अगर खुद शुक्र भी मन्द या मन्दे घरों (खाना नं 8,9 या चार) में हो तो 27 साल (शादी के दिन शुरू करके औरत का फल) औलाद नर, या औरत का सुख मंदा ही होगा।
खाना नं 9: बुजुर्गी घर में में अगर कंजरियों फाह्शा औरतो का तबेला कायम हो जावे तो बृहस्पत (साँस, सोना, पिता) बर्बाद होगा। दम वैगरा होगा। शराबखोरी से परहेज मुबारक होगा।
राहू देखे शनि को तो नेक। लोहा तांबा हो। शनि देखे राहु को तो हसद (जलन) से बर्बाद हो।
शनि + राहू मुश्तरका
लाल किताब
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