मंगल खाना नं ६ लाल किताब
तररोमे (तकलीफ के बाद) की औलाद, सन्यासी , साधू, अगर मंगल बद तो फसादी
बजे नाम लडके पे बाजा जो शादी, गमी देर करती न उस जगह पे आती।
न कमी* औलाद माया, न दुखिया बाप हो। *अगर जागता हो
भाई बन्धु होवे सुखिया, बढता जिस दम आप हो।
वही हो शिव शम्भू , वर्ना गिरा कोठे लगा तम्बू।
रवि बैठा चाहे टेवे रद्दी, असर भला वो देता हो।
शुक्र भला हो ७ हो उम्दा फलती नस्ल तीन पुश्ती हो।
खुशी संतान न हरगिज फलता, न ही दिखावा उत्तम हो।
जिस्म में उसके सोना आता, दुखडे खडे और मातम हो।
कयाफा: मंगल नेक से रेखा आयत खाना नं ६ में समाप्त हो।
नेक हालत :
हिम्मत से भरा पाताल और पानी में भी आग जला देने की शक्ति का स्वामी, काबिले का रक्षक खुद होगा तथा संसारी न्यायप्रिय हो साधू सन्यासी की तरह अपने आप मारने वाला अकेला धर्मवीर होगा।
सूर्य कही भी हो उत्तम.
बुध के कारोबार दोस्ती तथा सिखाई की विद्या, राग विद्या व्याख्यान आदि का शोकीन व् मस्ताना होगा। कलम में तलवार से अधिक शक्ति होगी जो लिख देना वेह मिटाने पर भी न मिटेगा अपने चाल चलन पट पूरा काबू होगा। राहु का नं १ २ का मंदा असर न होगा। मगर केतु शक्की ही होगा।
जिस दम खुद बढेगा बडे भाई और दुसरे साथी सभी बढेगे। सबूत घर में दाने अनाज भरने की कच्ची मिटटी की कोठिया १ ४ साल आयु तक कायम होगी। वर्ना वाही गिर कोठा लगा तम्बू जाती गृहस्थी के वास्ते लडकियो की पूजना भाईओ की मदद माता द्वारा बुध की पूजना याने लडकियो और केतु और शत्रु से बचाव का उपाय सहायक होगा। जब मंगल जागता या कायम हो।
पौते पडपोते देख कर मरे तीन पुश्त तक औलाद की बरकत और परिवार बढे जब शुक्र भला या ७ उम्दा या ७ में +शनि+बुध+केतु हो। गृहस्थ रेखा अंगूठे की तरफ झुक जाए।
संतान की कोई कमी ना होगी बल्कि संतान उत्तम ही होगी २ ४ साल संतान होती रहे। जब गुरु, सूरज बुध उत्तम। बेशक केतु खाना नं ८ और शनि खाना नं ५ हो।
मंदी हालत : ख़ुशी के बाजे से मातम की आवाज क्यों आने लगी जिस जगह बैठ कर संतान के नाम पर खुशी की महफ़िल करता होगा यही पर चन्द दिन के अन्दर अन्दर मातम के आंसू बहता होगा। उसके भाई माली हालत में कम होगे अगर किसी तरह से अच्छी हालत के हो गये तो भारी हानि देखे अत: उसके भाईयो को चाहिए वो मंगल नं ६ वाले भी को कुछ देते रहे जिसके की उनका बचाव होता रहे। अगर वो भाई न ले तो चलते पानी में बहा दे।
केतु, शुक्र (स्त्री भाग मगर स्त्री नहीं), बुध, चन्द्र, चारो ग्रह से सम्बंधित रिश्तेदारों की जानो प[आर मंदा होगा। स्वयं झगडालू नर संतान की कमी करने वाला मामो दुखी या बर्बाद तरसने की औलाद।
नर संतान सिर्फ एक लड़का मगर लावल्द न होगा जब गुरु, सूर्य या बुध मंदा हो।
३ साल की आयु तक संतान जरूर कायम होगी संतान की ख़ुशी मानना संतान की मंदी हालात की निशानी होगी। पहला लड़का शायद हो कायम रहे अत: मिठाई की जगह नमक की चीजे बांटे। संतान के शरीर पर सोना न डाले। जब तक शरीर पर सोना न डालेगे वेह सोना कमायगे। सोना डालने पर सोने को खाख में उड़ाएगे। जब केतु मंदा हो।
बुध नं १ २ में हो तो बहन भाई कम होगे, दुःख का बढना हो।
बुध नं ८ में, और सूरज चन्द्र की मदद न हो तो माता छोटी उम्र में चली जाए
बुध नं ४ में हो तो टेवे वाला अल्पायु। बाद में माता भी गुजर जाए।
अपने स्वस्थ्य : शनि का उपाय। भाई की मदद - कन्या पूजन। संतान - चन्द्र - बुध का उपाय। चाल चलन की मजबूती से निर्धन, केतु दरवेश, मिटटी उडती और तूफानी हालत के घर जन्म का होते है भी समय का शेर बहादुर और शत्रुओ को पाँव तले दबाने की हिम्मत का प्राणी होगा।
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