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Thursday, 7 March 2013

Venus (Shukra) in 5th House Lal Kitab

शुक्र खाना नं ५ लाल किताब 

बच्चो से भरा परिवार

जमाने की माताएँ औरत जो तेरी, नसल तेरे बच्चो की तुझे कौन देगी।

आग जली न मिटटी उडे, उडेगी जिस दम वो।
जो ग्रह* पहले ९ वे, अँधा काणा हो।           सिवाय सूरज नं १ और गुरु नं ९ 

दोस्त शुक्र ग्रह कायम होते, पार माया भव सागर हो।
शत्रु मगर ७ पहले बैठे, पतंग फटा घर शुक्र हो।
कायम ग्रह नर शुक्र देखे, माया दौलत सब बढ़ता हो, 
12  जले घर शुक्र मंदे, बैठा भला चाहे ३-८ हो।
दृष्टि शुक्र न जब कोई करता, चोर शुक्र स्वयं होता हो।
एक अकेला न कोई मंदा, ऊत गया ही आवा हो।  (ईट पकने का भट्ठा  नष्ट  होना - सब कुछ नष्ट हो जाना)
सेवा गऊ और चन्द्र होते, संतान सोना घर भरता हो।
चलन मंदे बच्चे बाहर बनते, आग जली जोड़ी मरता हो। 
        
कयाफा : स्वास्थ्य रेखा या सूरज रेखा शुक्र से चल कर बुध पर समाप्त हो।

नेक हालत में बच्चो के परिवार से भरी हुई स्त्री जिस के बैठे रिजक कभी बंद न हो। 

दिमागी खाना नं ५ ऐश तथा परिवार के प्यार वाला और देश भक्ति का परवाना हो अगर सूफी तो भवसागर से पार यदि आशिक दुनिया हुआ तो वृक्ष में अड़ी पतंग की तरह का भाग्य होगा बल्कि एक को क्या रोते वहाँ तो कबीला ही मंदा हो गया होगा। एक आदमी ने कुत्ता, बिल्ली पाली आदमी ने मकान बदला तो कुत्ते ने मालिक का साथ न छोड़ा बिल्ली पिछले घर की तरफ भागी। 

सूफी धर्मात्मा होगा और भवसागर से पार करने वाले गऊ माता की तरह उत्तम लक्ष्मी और कुल को तारने वाली स्त्री होगी। जब मित्र ग्रह बुध शनि केतु कायम हो। 

जब नर ग्रह कायम या साथ साथी तो माया  बढ़ता देश परिवार के प्यार को चाहने वाला तथा शुभ होगा।

जब बुध या पापी नं १-७ में हो, नं १-९ ग्रह से संभंधित रिश्तेदार शुक्र से धन की बरकत पायगे या टेवे वाले को उस ग्रह के सम्बंधित कारोबार दौलत की बरकत देगे।     

जब सूरज नं १ , मंगल नं ३ में हो तो हर तरह से बरकत होगी। 

चाल चलन से ही भाग्य का खासकर माली हालत का भेद खुल जायगा।   मगर स्त्री और संतान पर फिर भी मंदा प्रभाव न होगा। 

मंदी हालत 

शनि मंदा चाल चलन करवाता रहे। मंदा भाग्य मंदे चाल चलन का सबूत देगी। शुक्र और संतान कम ही मंदा होगा।  खाना नं १ - ९ के ग्रह के रिश्तेदार (सिवाय सूरज नं १ गुरु न ९ ) जैसे (राहु) ससुराल, मंगल (बड़ा भाई या ताऊ) आदि अँधा या काणा या उस ग्रह से संभंधित कारोबार बर्बादी का कारण होगे। 

जब दुश्मन ग्रह सूरज चन्द्र राहु नं १-७ में हो तो  खाना नं 12 जलता होगा चाहे खाना नं ३ - ८ अच्छा ही हो. टेवे वाले पर मंदा प्रभाव न होगा। मगर साथिऒ पर शुक्र अब वृक्ष में फसी पतंग की तरह लिपटा हुआ भाग्य की हानि देखता रहा होगा। चन्द्र उसे डोर का काम देगा। इश्क सांसारिक कामयाब होगा देश प्रेमी होगा।    

जब शुक्र की दृष्टि में कोई भी ग्रह न हो तो शुक्र (स्त्री या शुक्र से संभंधित कारोबार खुद चोर हो और चोरी में गया माल शायद ही वापिस हो ) और ऐसे टेवे वाले की स्त्री ही ऐसी न होगी बल्कि वहाँ तो आवा ही ऊत गया सब एक जैसे होगे जो भी न हो सकने वाली वही सत्य हो। दिन को ज्ञान, रात को इश्क स्नान। धर्म सिफे धोके का ही पर्दा बनाया गया है के विचार का आदमी होगा।   

आशिकी प्रेम के नतीजे की हुई शादी या माता पिता के विद्रोह किया हुआ विवाह , सौन्दर्य की वजह से की शादी हो तो ऐसे प्राणी की औलाद उसे बाप न कहेगी या बाप न मानेगी। औलाद बाप के काम न आयगी। 

जब चन्द्र मंदा हो तो चन्द्र डोर का काम देगा और चन्द्र का उपाय मददगार होगा। 

साथ बैठे शत्रु ग्रह का शुक्र पर या शुक्र के फल पर मंदा असर न होगा। 

गऊ और  माता की सेवा और साफ़ पवित्र दिल से घर बार में दौलत की बरकत होगी। और चाल चलन बर्बाद से जब बच्चे बाहर बनने और बनाने लगे तो मर्द औरत की जोड़ी दुखी और जल कर बर्बाद होगी।

सेहत के सम्बन्ध में शुक्र का स्थान (लिंग या योनि) दूध दही से धोना मदद देगा।   
   
 शुक्र खाना नं ५ लाल किताब 
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