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Sunday, 17 March 2013

Sun Surya in Lal Kitab

सूर्य लाल किताब 

 १२ घरो में सूर्य की उत्तम हालत का प्रभाव औरअन्य ग्रहो से सम्बन्ध 

उत्तम सूर्य वाला कुल संसार को चमकाए, धन देता हो, लम्बी (१०० वर्ष) आयु पावे, अन्दर बाहर सब अच्छा हो। मंदे समय बुरा प्रभाव रात के स्वप्न की भाँती छुपे ढंग से रहे। किसी का सवाली न हो। बल्कि स्वयं खैरात पूरी कर दे। भीख चाहे न दे  मगर किसी की झोली से कुछ भी न ले। स्वयं चोटे खाकर बढ़ेगा मगर दुसरो को चोट न मारेगा। चाहे मृत्यु को कोई अच्छा नहीं गिनता फिर भी सूर्य उत्तम वाले की मृत्यु अच्छी ही होगी। २२ साल की उम्र में राजदरबार से धन कमाने लगेगा। सूर्य की गर्मी, धूप और उसका नाप तौल राहु केतु से पता चलेगा। उत्तम सूर्य के समय चन्द्र शुक्र और बुध का फल भला ही होगा। केतु  नं १ या मंगल नं ६ हो तो सूर्य उत्तम चाहे कही भी कैसा ही बैठा हो।     

 सूर्य देखे चन्द्र को पर सूर्य नं १ में न हो तो चन्द्र का फल चन्द्र के आधे समय तक सूर्य के प्रभाव में दबा होगा। इसके बाद वह अपना जुदा असर सूर्य की तरह उत्तम फल देगा।सुखी कुएँ भी पानी देने लग जाएगे। (जन्म कुंडली २४ - १२ - ६ साल आयु में हो और वर्षफल १२ - ६ - ३ मास हो। 

चन्द्र देखे सूर्य को : अब चन्द्र सूर्य को कोई सहायता न देगा अपना प्रभाव चाहे कभी मंदा कर ले। 

बुध ६ और सूर्य कायम: अपनी कलम से राजधानी का धन बढे।इमानदारी का धन साथ दे। 

सूर्य देखे बुध को १०० % : सूर्य को सहायता होगी। 
सूर्य देखे बुध को ५० % ससुराल अमीर, स्त्री का भाग्य शीशे की तरह चमके। 
सूर्य देखे बुध को २५ % तो योगाभ्यास, गणित, ज्योतिष आदि उत्तम हो। 

बुध देखे सूर्य को दर्जा दृष्टि कुछ भी हो बुध का प्रभाव उत्तम। स्वास्थ्य, बुद्धि, स्त्री सभी पर प्रभाव उत्तम।                  
शनि देखे सूर्य को २५ % तो सूर्य का प्रभाव बर्बाद मगर शुक्र आबाद। उत्तम फल का गणित, संपादक होगा। 
शनि देखे सूर्य को ५० % तो शनि की चीजे सहायक होगी जैसे मकानों की विद्या। 
शनि देखे सूर्य को १०० % तो जादूगरी का स्वामी। 

सूर्य देखे शनि को तो शुक्र बर्बाद, स्त्री पर स्त्री मरे। पर शारीरिक शक्ति कम न होगी।   

शनि हो पहले घरो में और सूर्य बाद के घरो में: सूर्य का प्रभाव मंदा। और शनि उसके (सूर्य) प्रभाव में अपना मंदा प्रभाव अवश्य मिलता होगा। यानी सूर्य की रौशनी तबाही से भरी होगी। शारीरिक कमजोरी होगी। मगर चन्द्र (सर्दी), मंगल (लाली), बृहस्पत (हवा), बुध आकाश जो सूर्य में आवश्यक अंग हो उन पर कोई बुरा प्रभाव न होगा यानी सूर्य की दी हुई भाग्य और कमाई पर मंदा प्रभाव न होगा। ऐसी हालात में रहने के मकान में दक्षिण (पूर्व की और मुहँ करके दाईं तरफ) पानी का कोरा बर्तन दबाए और उसका पानी ४० - ४ ३ दिन तक सूखने दे।   

सूर्य की जड़ में पापी और उसी समय शुक्र (नं २ - ७) में चन्द्र, राहु तो माता - पिता के आयु शक्की। जिस घर में शुक्र बैठा हो उसी घर की शुक्र से सम्बंधित चीजो की हालत मंदी। सूर्य बैठा होने वाले घर पर शुक्र का कोई बुरा प्रभाव न हो। 

सूर्य को जब मित्र ग्रह की सहायता हो या टेवे वाला नमक कम या बिलकुल न खावे तो वह नेकी और सांसारिक कामो में पिता से आगे बढ़ जाएगा। 
जन्म कुंडली में सूर्य १-५-११ में हो तो टेवा बालिग़ होगा यानी बच्चे  के गर्भ में आने से ही प्रभाव देने लग जाएगा। ऐसी हालत में (जब सूर्य १-५-१ १ ) जन्म कुंडली या वर्षफल  बैठा हो : 

नं १ का सूर्य साथी ग्रहो को मदद देगा चाहे शत्रु। 
नं ५ - ११ का सूर्य होने पर दुसरे ग्रह स्वयं सूर्य को मदद करेगे चाहे सूर्य के शत्रु ही क्यों न हो। टेवे में ग्रहण (सूर्य + राहु),  (चन्द्र + केतु) के समय सूर्य ४५ साल आयु तक कोई भला फल न देगा। बल्कि मंदा फल ही देगा, माना गया है।           

सूर्य स्वयं अकेला नीच मंदे घरो में हो तो वह स्वयं कभी नीच न होगा मगर सूर्य की जगह केतु नर संतान का भाग्य आयु पिता को संतान का सुख बर्बाद मंदा होगा। बेहद गुस्सा बर्बादी का कारण होगा और इसका उपाय दान कल्याण माना गया है। 

सूर्य जब कभी नं १ में आए, जन्म कुंडली में चाहे कही भी हो , शुक्र का प्रभाव नीच होगा। मगर सूर्य स्वयं के लिए उत्तम होगा। ऐसी हालात में बुध की पालना सहायक होगी।  

२-६-७-८-१०-११-१२ में अकेला बैठा इन घरो से सम्बंधित चीजो पर अपना अच्छा प्रभाव न देगा परन्तु यह अर्थ नहीं की बुरा देगा। शत्रु के साथ याने सूर्य - शुक्र, सूर्य - शनि, सूर्य - राहु, सूर्य - केतु किसी भी घर में हो, साथ बैठे है ग्रह की उस खाना नं से सम्बंधित वस्तुओ पर जिनमे की वह बैठा हो दुबारा उसी घर में आने पर (वर्षफल में) मंदा प्रभाव देगा। ऐसी हालत में २ २ से ४ ५ के मध्य शत्रु ग्रह अपनी जाती मियाद पर भी बुरा प्रभाव देगे। 

मसलन: सूर्य - शुक्र नं ५: जब कभी वर्षफल में नं ५ में आए ( २ २  से ४ ५ वर्ष के बीच - ३४ वर्ष में ) या शुक्र की मियाद याने २५ वर्ष में स्त्री की शारीरिक चमड़ी पर मंदा प्रभाव देगा। बुध की पालना करे। लेकिन   ग्रहो के साथ सूर्य के मित्र (बुध नहीं)  भी हो तो मंदा प्रभाव मित्र ग्रहो से सम्बंधित चीजो उस खाना नं की जहा बैठे हो, पर होगा और शत्रु बचा रहेगा। शत्रु ग्रह यदि एक दो तीन की गिनती से सूर्य से पहले घरो में और दृष्टि के असूल पर भी पहली तरफ बैठे हो तो सूर्य का मंदा प्रभाव टेवे वाले पर होगा। लेकिन यदि शत्रु बाद में हो तो कुंडली वाले की जगह मंदा प्रभाव शत्रु ग्रह और घर पर होगा। .                    

मंदे प्रभाव का उपाय: यदि सूर्य का अपना प्रभाव दुसरे ग्रहो पर बुरा हो तो सूर्य के मित्र चन्द्र मंगल बृहस्पति को नेक कर ले। जब कोई सूर्य से बर्बाद हो रहा हो तो स्वयं सूर्य का उपाय करय. जब सूर्य का अपना प्रभाव नष्ट हो रहा हो तो शत्रु ग्रह जो उसे बर्बाद कर रहा हो नेक कर लेना सहायक होगा। खाना नं ६-७ में बैठा होने के समय आम मंदी हालत में बुध का उपाय सहायक होगा और चन्द्र नष्ट करने से सहायता मिलेगी। याने रात को रोटी के बाद चूल्हे की बाकी बची आग पर दूध के छीटे मार कर उसे बुझाते रहना सहायक होगा। 

सूर्य के शत्रु ग्रहो के घर बैठा (मालिक और पक्का दोनों ले) , २-६-७-८-१०- ११- १२, अकेला सूर्य उन घरो के मालिक घरो से सम्बंधित  वस्तुओ पर नेक प्रभाव बंद करेगा : मसलन 

खाना  नं 2  में बैठा सूर्य स्त्री धन, बचत अपनी कमाई की, पति रहित या प्यार से फसाई स्त्री। 
सम्बंधियो से: माता, बुआ, फूफी, मासी, आलु, गाय स्थान, घी अभ्रक सफ़ेद काफूर, बगैर सींग गाय, शारीरिक अंग, गुदा ।        

केतु कमर ६ संतान व उसका सुख, माता पिता के तालुक  रिश्तेदार जो टेवे वाले कीपैदा पैदा होने से पहले कायम थे मामा, नाना, नानी आदि रफ़्तार चाल  साहुकारा, खरगोश चिड़ा, कमर शारीरिक भाग              

नं ७ : बाहरी स्त्री, शारीरिक त्वचा की सुन्दरता, शादी गृहस्थ फल चरी ज्वार, सफ़ेद गाय,   कांसी का बर्तन, हर दो प्यार चमड़ा शरीर 

नं ८ : स्त्री पुरुष  बिच्छु कनपटी 

नं १० :   जद्दी जायदाद, माता पिता का सुख, काला नमक, तेल,  लोहा लकड़ी दृष्टि   ३  रहने का मकान मगरमच्छ सांप का घर भैंस घुटना 

नं १ १  : जन्म समय आयु तक अपनी आय, ख़रीदा हुआ मकान, संतान की आयु व गिनती, पहला हाकिम शारीरिक शक्ति राहु केतु के कार्यो का निर्णय चूतड। 

नं १ २ : धन श्राप, हड्डी, पारिवारिक खून, सर, दिमागी काम-काज, स्त्री पुरुष की अपनी आयु का सम्बन्ध,   विचारो का मासरना  पैदा होना,  की प्रसिद्धि कोयले हाथी खोपड़ी सर की हड्डी        


                           सूर्य लाल किताब 
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